स्कूल की टीचर के साथ चुदाई की मस्ती हॉट स्कूल टीचर को चोदा मैंने उन्हीं के घर में! एक बार मुझे स्कूल टाइम की टीचेर रास्ते में मिल गयी. मैंने उन्हें नमस्ते की. वो बात करने लगी, मुझे घर ले गयी.

 स्कूल की टीचर के साथ चुदाई की मस्ती

हॉट स्कूल टीचर को चोदा मैंने उन्हीं के घर में! एक बार मुझे स्कूल टाइम की टीचेर रास्ते में मिल गयी. मैंने उन्हें नमस्ते की. वो बात करने लगी, मुझे घर ले गयी.


दोस्तो, मेरा नाम अमन है. मैं उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में रहता हूँ. मैं कालेज में पढ़ता हूँ.


आज मैं आपको इस हिंदी सेक्स कहानी में बताने वाला हूँ कि कैसे मैंने अपनी हॉट स्कूल टीचर को चोदा!


जब मैं स्कूल में पढ़ता था तब मेरे स्कूल में एक टीचर मुझे बहुत पसंद थीं.

वो गोरी-चिट्टी और तने हुए मम्मों वाली मस्त आइटम थीं.


मैं शुरू से ही उन्हें पसंद करता था. वो कभी कभी मुझे अपने पास बुलाकर काफी लम्बी बात करती थीं.


उस समय उनकी उम्र 22 साल थी.


मेरे स्कूल बदलने के कारण मैं उनको भूल चुका था.


लेकिन एक दिन जब मैं कालेज से घर वापस आ रहा था, तब अचानक से मेरी नजर उन टीचर पर पड़ी.

मैं उनको इतने समय बाद देखकर हैरान हो गया.

वो पहले से भी ज़्यादा हॉट और सेक्सी लग रही थीं.


उनको देखकर मुझसे रहा न गया और मैं उनके पास चला गया.


मैंने टीचर को नमस्ते मैम बोला.

पहले तो उन्होंने मुझे पहचाना नहीं … फिर मैंने उनको अपना नाम और अपने घर के बारे में बताया, तो उनको याद आ गया.

क्योंकि टीचर कभी कभी हमारे घर आया करती थीं.


टीचर ने मुझसे पूछा- तुम अब क्या करते हो?

मैंने उनको बताया- मैं अभी कालेज में पढ़ रहा हूँ.


टीचर को देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि उन्होंने शादी की कर ली है.


फिर भी मैंने उनसे पूछ ही लिया कि मैम क्या आपने अभी शादी नहीं की?

टीचर- नहीं, मैंने अभी शादी नहीं की.


मैं मन ही मन में खुश होने लगा.


टीचर- अमन चलो मेरे साथ, मेरा घर पास में ही है.


मैं मना करने लगा- मुझे अभी काम है.

लेकिन टीचर ने एक नहीं सुनी.


टीचर पैदल ही थीं तो मैंने उनको मेरी बाईक पर बैठने को कहा- अरे वाह … ये तो अच्छा हुआ मुझे चलकर जाना नहीं पड़ेगा.

मैं टीचर को उनके घर ले गया.


टीचर- अमन अन्दर आ जाओ.


मैं चला गया और हॉल मैं बैठ गया.


टीचर जी मेरे लिए पानी लेकर आ गईं.

मैंने पानी पिया.


टीचर- तुम यहां नहीं, अन्दर बेडरूम में चल कर बैठो.

मैंने पूछा- क्यों मेम?


टीचर- ऐसे ही … तुम अन्दर चलो.

मैं मेम के साथ चला गया और अन्दर कमरे में जाकर बैठ गया.


टीचर- तुम रुको, मैं कपड़े बदल कर आती हूँ.


मैं अपने आपको कंट्रोल नहीं कर पा रहा था.

मेरे दिल की धड़कनें बहुत तेज तेज चल रही थीं और दिमाग में एक ही ख्याल चल रहा था कि मैं मेम को अगर एक किस भी कर लूं तो जीवन सफल हो जाए.


टीचर कपड़े बदल कर आ गईं.


वो नीली जींस पहन कर आई थीं जो बहुत टाइट थी.

इसमें से उनकी मोटी गांड साफ उभर कर नजर आ रही थी.


मेम ने ऊपर लाल रंग का टॉप पहन रखा था, जिसमें से उनके बड़े बड़े बूब्स आधे बाहर दिख रहे थे.


मैं टीचर को देखता ही रह गया. वो मेरे पास आकर बैठ गईं.


टीचर- तुम अब काफी स्मार्ट हो गए हो … तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?

मैंने उनको बताया- मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.


वो थोड़ी देर चुप बैठी रहीं और शायद कुछ सोचने लगीं.


मैं उनको टीचर टीचर करके बोल रहा था तो उन्होंने मुझे टोक दिया- अब तुम बड़े हो गए हो … मुझे मेरे नाम से बुलाओ.


उनका नाम ऋतु था.


मैं नाम लेने में हिचकने लगा, तो मेम ने मेरा हाथ पकड़ लिया.


टीचर- अमन अब बोलो ऋतु.


मैं हैरान था कि ये क्या हो रहा है.


मैंने देरी ना करते हुए उनको ऋतु कहकर पुकारा, तो वो खुश हो गईं.


मैं चुप था और ऋतु मेम मुझे देखती हुई अपने बालों से खेल रही थीं. पता नहीं उनके मन में क्या चल रहा था.


ऋतु मेम अचानक से धीरे धीरे रोने लगीं.


एकदम से ये हुआ तो मैं अचकचा गया.

मैंने पूछा- क्या हुआ मेम आप क्यों रो रही हैं?


ऋतु- मैं अपनी लाईफ में खुश नहीं हूँ अमन!

मैं- क्यों क्या हुआ आपको?


ऋतु- मेरा कोई ख्याल रखने वाला नहीं है … और मैं कभी कोई सुख प्राप्त नहीं कर सकती.

मैं- कैसा सुख?


ऋतु- वो वाला.

मैं- कौन सा वाला … क्या बात कर रही हो आप?


ये सुनकर ऋतु मेम बेडरूम से चली गईं.

मैं मन में सोचने लगा कि शायद ये वो ही मामला है, जो मैं चाहता हूँ.


ऋतु मेम एक मिनट के बाद अन्दर आईं और इस बार वो मेरे काफी करीब बैठ गईं.


मैंने जैसे ही कुछ बोलना चाहा, ऋतु मेम ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए.


लेकिन उन्होंने चूमना शुरू नहीं किया.

वो ऐसे ही रुकी रहीं.

एक मिनट तक मैं भी नहीं हिला.


फिर मैंने अपने हाथों को ऋतु मेम की पतली सी कमर में हाथ डालकर उनको अपनी तरफ खींचा तो ऋतु मेम के बूब्स मेरे सीने से आ लगे.

मैंने ऋतु मेम के होंठों को चूमना शुरू कर दिया और अपना एक हाथ ऋतु मेम की मोटी सी गांड पर फिराने लगा.


ऋतु मेम आहें भरने लगीं.


मैंने थोड़ा और जोर से खींचा, तो ऋतु मेम मेरे ऊपर आ गिरीं.

उनके वजन से मैं भी बेड पर गिर गया.


अब हम दोनों बेड पर गिर गए थे लेकिन अभी तक ऋतु मेम ने अपने होंठों मेरे होंठों से अलग नहीं किया था.


मेरे मन में चल रहा था कि ये सब क्या हो रहा है, पर मैं उस लम्हे को इंजॉय कर रहा था.


ऋतु मेम अब मेरी शर्ट खोलने लगीं.

मैंने धीमे से कहा- ये क्या कर रही हो?


ऋतु मेम- तुम कुछ मत बोलो प्लीज!


मैं भी चुप रहा और उनको जो करना था, करने दिया.

वो एकदम पागल होकर इस बेताबी से मेरे कपड़े उतार रही थीं कि शब्दों में बयान नहीं कर सकता.


मेरा मन भी उनके कपड़े उतारने का हुआ लेकिन न जाने क्यों … मैं कुछ डर सा रहा था.


फिर मैंने हिम्मत करके मेम का टॉप उतारने की कोशिश की तो वो हंसने लगीं.

मैं रुक गया.


ऋतु मेम- डरो मत यार … उतारो न.


उनके इतना कहते ही मैंने उनका टॉप और जींस उतार कर अलग कर दिया.


अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं. ऋतु मेम ब्लैक ब्रा और पैंटी में इतनी हॉट लग रही थीं कि मन बावला हुआ जा रहा था.

मुझे उनके बदन की गर्माहट महसूस हो रही थी और मेरा लंड उनको चोदने के लिए बेकरार हो रहा था.


ऋतु मेम के मम्मों को ब्रा की कैद से आजाद करने के लिए मैंने हाथ बढ़ाया और उनकी ब्रा का हुक खोल कर उसे निकाल दिया.


ब्रा खुली तो मेम के बूब्स हवा में लहराने लगे.

मैं उनके एक दूध के निप्पल को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा.


ऋतु मेम सिसकारी भरने लगी थीं.


कुछ देर बाद ऋतु मेम ने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए और अपनी पैंटी को निकाल फैंका.

अब हम दोनों बिल्कुल नग्न अवस्था में थे.


ऋतु मेम मेरे लंड को सहलाने लगीं.

मैंने उन्हें आंख से इशारा किया तो वो मेरे लंड को मुँह में डालकर ऐसे सिप सिप करके चूसने लगीं जैसे आइसक्रीम को चूस रही हों.


मेरा लंड कुछ ही पलों में पूरा तन चुका था.


मैंने ऋतु मेम की चुत की पंखुड़ियों पर उंगली रखी और एक बार चुत को मसल कर उंगली अन्दर तक डाल दी.


ऋतु मेम मेरी उंगली को चुत में लेकर आह आह करने लगीं.


फिर कुछ देर बाद हम दोनों 69 की पोज़ीशन में आ गए.

मैं ऋतु मेम की चुत में जीभ डालकर अन्दर बाहर करने लगा.


ऋतु मेम के मुँह से ‘आई आह आह आह …’ निकल रही थी.


कुछ बाद ऋतु मेम ने लंड को मुँह से निकाल दिया और सीधी होकर मेरे लंड को अपनी चुत पर सैट

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