8-20 हजार रुपयेमें मिल जाते हैं रिकार्डिंग स्टूडियो, दिल्ली-एनसीआर में आठ घंटे की शिफ्ट के लिए20-30 हजार रुपयेलग जाते हैं एक गाने की कंप्लीट... 8-20 हजार रुपये


8-20 हजार रुपयेमें मिल जाते हैं रिकार्डिंग स्टूडियो, दिल्ली-एनसीआर में आठ घंटे की शिफ्ट के लिए20-30 हजार रुपयेलग जाते हैं एक गाने की कंप्लीट...

8-20 हजार रुपये




में मिल जाते हैं रिकार्डिंग स्टूडियो, दिल्ली-एनसीआर में आठ घंटे की शिफ्ट के लिए


20-30 हजार रुपये


लग जाते हैं एक गाने की कंप्लीट रिकॉर्डिंग के लिए, लक्ष्मी नगर, पटपड़गंज, दरियागंज, तिलक नगर और शकूरबस्ती के स्टूडियो में


2-2.5 लाख रुपये


खर्च आता है कंप्लीट ऑडियो एलबम की मास्टर सीडी बनवाने में, होते हैं 8-10 गाने


चंद्रमोहन शर्मा, नई दिल्ली


बीते एक हफ्ते में भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री से दो दिल दहला देने वाली खबरें सामने आई। पहली खबर भोजपुरी सिनेमा के जानेमाने एक्टर-सिंगर पवन सिंह की पत्नी नीलम की घर में खुदकुशी करने और चार दिनों बाद ही भोजपुरी के उभरते सिंगर विकास राय और उनकी फैमिली के पांच सदस्यों की आत्महत्या ने म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को झकझोर दिया। भोजपुरी सिंगर विकास के पिता ने अपना पुश्तैनी मकान, खेती की जमीन बेचने के अलावा ब्याज पर कुछ रकम लेकर बेटे के लिए एलबम बनवाई। विकास की एलबम मार्केट में आने के महीनों बाद भी जब फैमिली वालों को एलबम पर लगी रकम का छोटा सा हिस्सा भी वापस नहीं मिला और ना ही विकास को स्टेज शो की ऑफर मिली तो फैमिली ने सामूहिक खुदकुशी कर ली। सूत्रों की माने तो सिंगर पवन सिंह के पास बहुत कम काम था। नीलम की आत्महत्या के कारणों की जांच में जुटी पुलिस को शक है कहीं पवन की आर्थिक तंगी नीलम की मौत की वजह ना बन गई हो।


दिल्ली-एनसीआर में एलबम कलाकारों की हालत पतली


किसी भी न्यूकमर सिंगर को अपनी सात से आठ गानों की बेहतरीन क्वॉलिटी की कंप्लीट ऑडियो सीडी को मार्केट तक लाने के लिए अपनी पॉकेट से आठ से दस लाख रुपये की लागत लगनी पडती है। दिल्ली बेस सिंगर राजेंद्र तलवार के मुताबिक अब वक्त बदल चुका है। नए सिंगर पर कोई भी म्यूजिक कंपनी एक पैसा तक लगाने का राजी नहीं होती। इसी वजह से ज्यादातर सिंगर अपनी जमापूंजी, प्रॉपर्टी बेचकर अपने दमखम पर अपनी मास्टर सीडी बना रहे हैं। वह कहते हैं मास्टर सीडी बनाने का काम सिंगर अपने बजट के मुताबिक कराते हैं।


पांच हजार सीडी का ऑर्डर


अपने दम पर मास्टर सीडी बनाने के बाद सिंगर अपनी एलबम किसी नामी म्यूजिक कंपनी के बैनर तले रिलीज करवाना चाहता है तो उसे कम से कम पांच हजार सीडी का आर्डर देना होता है। कंपनी पूरी रकम एडवांस में लेती है। सीडी के इनले कार्ड के लिए पहले फोटो शूट करवाया जाता है। यह रकम भी सिंगर की पॉकेट से जाती है। तलवार के मुताबिक एक सीडी की लागत दस से बारह रुपये के बीच रहती है। अगर सिंगर अपनी सीडी का डिस्ट्रिब्यूशन भी उसी कंपनी के नेटवर्क से चाहता है तो इसके लिए मोटी फीस कंपनी को अदा करनी पडती है, अगर एक तय अवधि में आपकी सीडी मार्केट में बिकती है तो कंपनी कमीशन काटकर बाकी बची रकम सिंगर को अदा करती है।


डिस्प्ले करने का भी प्राइस


दिल्ली-एनसीआर में म्यूजिक सीडी की प्रमुख मार्केट लाजपत रॉय मार्केट के कुछ प्रमुख डीलरों के यहां हर रोज हिंदी, पंजाबी, भोजपुरी, गढ़वाली और हरियाणवी भाषाओं में बनी अपनी मास्टर सीडी की कॉपी लेकर हर रोज आठ दस न्यूकमर सिंगर का आना रूटीन बात है। अगर डील फाइनल हो जाए तो डीलर की सलाह के मुताबिक सिंगर अपनी मास्टर सीडी किसी लोकल म्यूजिक कंपनी से बनवाने के बाद डीलर को सौंपता है। लोकल कंपनी से सीडी बनवाने का खर्च सात-आठ लाख रुपये रहता है तो यहां पांच सौ से एक हजार सीडी बनवा दी जाती है। अपनी सीडी का प्रॉपर डिस्पले और सेल करने के लिए सिंगर को डीलर से कुछ नहीं मिलता, अलबत्ता डीलर को एलबम की डिलीवरी के साथ एडवांस में एकमुश्त रकम भी अदा करनी पडती है।




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